Mayawati Ashrama मायावती आश्रम | अद्वैत आश्रम उत्तराखंड के महत्त्वपूर्ण पर्यटक स्थलों में शुमार है. चम्पावत जिले के लोहाघाट कस्बे…
Neem Karoli Baba | नीम करोली बाबा एक महान हनुमान भक्त संत थे. बहुत से लोग उन्हें हनुमान जी का…
Purnagiri Mandir | माता पूर्णागिरि मंदिर उत्तराखंड के चम्पावत जिले में टनकपुर नामक सीमान्त कस्बेसे लगभग 20 किलोमीटर उत्तर की तरफ, समुद्र तल से ३००० मीटर की ऊचाई पर स्थितअन्नपूर्णा नामक शिखरपरस्थित है. 108 सिद्द पीठों में से एक पूर्णागिरि मंदिर (Purnagiri Mandir…
Swami vivekananda biography in hindi. “उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत”अर्थात “उठो, जागो और लक्ष्य की प्राप्ति तक रुको मत”. इस तरह के महान विचारों के प्रचारकस्वामी विवेकानंद हमारे देश की महान विभूतियों में से एक हैं. स्वामी विवेकानंद ने पूरे भारतीयउपमहाद्वीप एवं संसार में घूम– घूम कर, मानवता की सेवा एवं विश्व के कल्याण के लिए कार्यकिया. भारतीय दर्शन को पुरे संसार में पहचान दिलाने में स्वामी जी की महत्वपूर्ण भूमिका रही हे. स्वामी विवेकानंद ने धर्म की आड़ में की जा रही कुप्रथाओ के खिलाप बोला. समाज में फैले तरह – तरह की कुरीतियों को ख़तम करने एवं समाज को नए रस्ते पर ले जाने का कार्य बड़ी ही कुशलता–पूर्वक किया. स्वामी जी परगतिशीलता को अपनाने पर बल देते थे और भारतीय दर्शन एवं संस्कृति को प्रगतिशीलबिचारों का वाहक मानते थे. योग एवं ध्यान के एक अलग प्रारूप को दुनिया के सामने लाकर, स्वामीविवेकानंद ने मानव जीवन को एक नयी राह दिखाई. स्वामी विवेकानंद आध्यात्मिक उत्थान, आत्मिक सुधार, कर्मयोग एवं ज्ञानयोग के महानतम सिद्धांतों के प्रतिपादक भी थे. उन्होंने 1893 में अमेरिका के शिकागो में हिंदू दर्शन के ऊपर व्याख्यान दिया जो उस समय बहुत सराहा गया. स्वामी विवेकानंद को भारतीय दर्शन, योग एवं वेदों के सार को पश्चिमी सभ्यता तक पहुंचाने में दिए गए योगदान के लिए हमेशा याद किया जाता है. हिंदू धर्म को विश्व में पहचान दिलाने मेंस्वामी विवेकानंद की महत्वपूर्ण भूमिका है. उन्होंने बिखरे हुए भारतीय समाज में राष्ट्रीयता कीभावना को जागृत कर भारत के एकीकरण के लिए भी बहुत से प्रयास किए. भारत के स्वाधीनता आंदोलन के बिचारकों एवं स्वाधीनता आंदोलन के प्रारूप पर गौर करने परस्वामी विवेकानंद की छाप स्पस्ट देखि जा सकती है. एक कुलीन परिवार में पैदा होने के बाद भी आध्यात्म की तरफ उनका झुकाव चौका देने वाला था. भारतीय संत परंपरा के महानतम संत थे. गुरु रामकृष्ण परमहंस के प्रभाव में आने के बाद स्वामी विवेकानंद मानवता की सेवा को ही अपनाधर्म समझने लगे थे. हिंदू धर्म के पुनरुत्थान के लिए किए गए कार्यों के कारण ही स्वामी विवेकानंदजी का स्थान हिंदू धर्म में पूज्यनीय है. भारतीय परंपरा में उन्हें ए0क राष्ट्रभक्त संत के रूप में जानाजाता है एवं युवाओं के बीच में स्वामी विवेकानंद एक आदर्श की तरह हमेशा जिंदा है. “स्वामी विवेकानंद का जन्म दिवस अर्थात 12 जनवरी भारत में युवा दिवस के रुप में मनाया जाताहै”. स्वामी विवेकानंद (नरेन्द्रनाथ दत्त) का प्रारंभिक जीवन Initial…