उस दिन मैं सिर्फ मिला ही नहीं था
मैं खुला भी था
जैसे लाटरी खुलती है किसी की
सब कुछ बदल जाता है
सब कुछ हरा-भरा हुवा है
उस दिन के बाद
जब हम मिले थे
आज एक मौका है
“फिर से धन्यवाद् ” करने का
आपका, कुदरत का
और कुदरत के मालिक का भी
साथ ही उनका ,
जो लाये हमें और तुम्हें इस दुनिया में
उनका भी जिन ने हमें प्यार दिया
आज फिर से १६ जुलाई है
फिर हरेला है ,
फिर से बरस रहा है पानी
बेसक बहुत बदल गई है दुनिया
हमारे साथ भी है एक नया अंकुर अब
हरियाली वाले इस बाग मैं
कई रंगों का डेरा है
हमें नहीं चूकना चाहिए
भगवान का धन्यवाद करने में
खूब खुशियां बक्शी है, ईश्वर ने हमें
हमारे साथ रहता है एक भगवान भी
हर दिन, हर पल
हम वाकई बहुत खुश है
Happy Harela